Gold Price Today in India: सोना, जिसे धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह केवल एक वस्तु नहीं है, बल्कि वित्तीय सुरक्षा का प्रतीक है, और इसके दाम लाखों भारतीयों द्वारा बारीकी से देखे जाते हैं। आज के समय में भारत में सोने की कीमत एक प्रमुख विषय बनी हुई है, खासकर जब वैश्विक बाजारों में उतार-चढ़ाव, सरकारी नीतियों में बदलाव और निवेशकों की बदलती भावना को ध्यान में रखा जाता है।
भारत में आज की सोने की कीमत
22-Karat Gold
इसी तरह, 8 ग्राम की कीमत 50,800 रुपये से घटकर 50,792 रुपये हो गई है, और 10 ग्राम की कीमत कल के 63,500 रुपये की तुलना में अब 63,490 रुपये हो गई है। वहीं 22 कैरेट सोने की कीमत 6,35,900 रुपये प्रति 10 ग्राम है.
24-Karat Gold
24 कैरेट सोने के लिए भी आज के रेट में थोड़ी कमी दिख रही है। इसके बाद 1 ग्राम की कीमत कल के 6,927 रुपये से 1 रुपये घटकर आज 6,926 रुपये प्रति ग्राम रह गई है। 8 ग्राम की कीमत 55,416 रुपये से घटकर 55,408 रुपये हो गई है, और 10 ग्राम की कीमत कल के 69,270 रुपये की तुलना में अब 69,260 रुपये है। वहीं 24 कैरेट सोने की कीमत 6,92,700 रुपये से घटकर 6,92,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है.
Gold Price Today in India
प्रमुख भारतीय शहरों में, सोने की कीमतें समान रुझानों को दर्शाती हैं।
Indian cities |
22-Karat Gold Price Today per gram |
24-Karat Gold Rate Today per gram |
Bangalore | Rs 6,349 per gram | Rs 6,926 per gram |
Mumbai | Rs 6,348 per gram | Rs 6,927 per gram |
Delhi | Rs 6,364 per gram | Rs 6,941 per gram |
Kolkata | Rs 6,349 per gram | Rs 6,926per gram |
Chennai | Rs 6,351 per gram | Rs 6,928 per gram |
Hyderabad | Rs 6,349 per gram | Rs 6,926 per gram |
Kerala | Rs 6,349 per gram | Rs 6,926 per gram |
Pune | Rs 6,349 per gram | Rs 6,926 per gram |
Ahmedabad | Rs 6,349 per gram | Rs 6,926 per gram |
Vadodara | Rs 6,354 per gram | Rs 6,931 per gram |
सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक
भारत में सोने की कीमत में रोजाना होने वाले उतार-चढ़ाव के पीछे कई कारक होते हैं:
- वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ: सोने की कीमतें वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों से अत्यधिक प्रभावित होती हैं। जब आर्थिक अनिश्चितता, जैसे मंदी या भू-राजनीतिक तनाव होता है, तो सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है। इससे मांग बढ़ती है और कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
- मुद्रा विनिमय दर: सोने का वैश्विक व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है, इसलिए भारतीय रुपया (INR) और अमेरिकी डॉलर (USD) के बीच की विनिमय दर भारत में सोने की कीमत को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कमजोर रुपया भारत में सोने को महंगा बनाता है, जबकि मजबूत रुपया कीमतों को कम कर सकता है।
- मुद्रास्फीति की दर: सोने को मुद्रास्फीति के खिलाफ एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो मुद्रा का मूल्य कम हो जाता है, जिससे सोने में निवेश अधिक आकर्षक हो जाता है। इससे मांग बढ़ती है और कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
- ब्याज दरें: कम ब्याज दरें सोने को रखने की लागत को कम करती हैं, जिससे यह निवेश के लिए अधिक आकर्षक हो जाता है। दूसरी ओर, उच्च ब्याज दरें सोने की मांग को कम कर सकती हैं, जिससे कीमतों में गिरावट आ सकती है।
- सरकारी नीतियाँ और कर: भारतीय सरकार की नीतियाँ, जैसे आयात शुल्क, सोने पर जीएसटी, और सोने की होल्डिंग्स से संबंधित नियम, सोने की कीमतों पर सीधा प्रभाव डाल सकती हैं। इन नीतियों में किसी भी बदलाव से कीमतों में तत्काल समायोजन हो सकता है।
- मौसमी मांग: भारत में सोने की मांग विशेष रूप से त्यौहारों जैसे दिवाली और अक्षय तृतीया, और शादी के मौसम के दौरान बढ़ जाती है। इन समयों में, बढ़ी हुई मांग कीमतों को बढ़ा सकती है।
हाल के सोने के कीमतों के रुझान
पिछले साल में, भारत में सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। 2023 की पहली छमाही में, कीमतें मुख्य रूप से वैश्विक मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक तनावों, विशेष रूप से यूक्रेन में जारी संघर्ष और इसके वैश्विक व्यापार और ऊर्जा कीमतों पर प्रभाव के कारण बढ़ी हुई थीं। हालांकि, जैसे-जैसे दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भी शामिल है, ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीतियों को सख्त करना शुरू किया, सोने की कीमतों में स्थिरता आने लगी।
पिछले कुछ महीनों में, सोने की कीमतों में मिश्रित रुझान देखा गया है। जबकि धातु ने ₹55,000 प्रति 10 ग्राम से अधिक का स्तर बनाए रखा है, यह उच्च स्तर पर प्रतिरोध का सामना कर रही है, खासकर अमेरिकी डॉलर की मजबूती और वैश्विक ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण।
भविष्य की संभावनाएँ
भारत में सोने की कीमतों का भविष्य कई कारकों पर निर्भर करेगा:
- वैश्विक आर्थिक सुधार: कोविड-19 महामारी और अन्य भू-राजनीतिक व्यवधानों के प्रभाव से उबरने के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होने पर सोने की मांग में उतार-चढ़ाव हो सकता है। मजबूत आर्थिक सुधार सोने की मांग को कम कर सकता है क्योंकि निवेशक उच्च-प्रतिफल वाले निवेशों की ओर बढ़ सकते हैं।
- मौद्रिक नीति: केंद्रीय बैंकों, विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर रुख महत्वपूर्ण होगा। यदि ब्याज दरों में और बढ़ोतरी होती है, तो इससे सोने की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है।
- घरेलू मांग: भारत में, सोने के प्रति सांस्कृतिक झुकाव के कारण मांग मजबूत रहने की संभावना है, खासकर त्योहारी सीज़न के दौरान। हालांकि, उच्च कीमतें मांग को कुछ हद तक कम कर सकती हैं।
- भू-राजनीतिक विकास: किसी भी भू-राजनीतिक तनाव, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो सोने के प्रमुख उपभोक्ता हैं, कीमतों में उछाल का कारण बन सकते हैं।
निष्कर्ष
भारत में आज की सोने की कीमत वैश्विक आर्थिक रुझानों, घरेलू कारकों और बाजार भावना के संगम को दर्शाती है। निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए इन गतिशीलताओं के बारे में जागरूक रहना महत्वपूर्ण है ताकि वे सही निर्णय ले सकें, चाहे वे सोने को निवेश के उद्देश्य से खरीद रहे हों या सांस्कृतिक और व्यक्तिगत कारणों से। हमेशा की तरह, सोने का बाजार भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे नजदीक से देखा जाने वाला और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है।
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